Sunday, 10 November 2013

भर्ती के लिए एडेड स्कूल कर्मियों में रोष

भर्ती के लिए एडेड स्कूल कर्मियों में रोष 
• अमर उजाला ब्यूरो
जालंधर। एडेड स्कूलों में पिछले 10 वर्ष से नई भर्ती पर लगी रोक के कारण स्कूल बंद होने के कगार पर हैं और कई स्कूलों में अध्यापक न होने के कारण वे बंद हो चुके हैं। इसके अलावा कुछ स्कूलों में विषय के माहिरों की और दो तिहाई स्कूलों में मुखियों की कमी हैं। शिक्षा का अधिकार कानून के लागू होने से विद्यार्थियों से अधिक फीस नहीं ली जा सकती है। इसलिए कक्षाओं से जो फीस इकट्ठी होती है वह अस्थाई अध्यापकों को वेतन देने के लिए भी पर्याप्त नही है। ऐसे हालात में प्रबंध कमेटियों को स्थाई अध्यापकों के वेतन में अपना 5 प्रतिशत हिस्सा डाले जाने व स्कूल के अन्य खर्च चलाने मुश्किल हो रहे हैं। अब शिक्षा मंत्री की तरफ से एडेड स्कूलों को शिक्षा विभाग में शामिल करने के लिए दिए गए जवाब से कर्मचारियों की आस टूट गई है।
एडेड स्कूल यूनियन के प्रेस सचिव मुनीष अग्रवाल का कहना है कि मौजूदा समय के दौरान एडेड स्कूलों में काम करने वाले दर्जा चार व लैब सहायकों की तो अभी ग्रेड पे भी संशोधित नही की गई। सरकार ने पिछले पे-कमीशन के बकाए की दूसरी 30 प्रतिशत की किस्त 31 अगस्त से पहले देने का वादा किया था लेकिन कर्मचारियों को अभी तक यह किस्त नहीं मिली है।

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